निवडक समर्थ राजकारण विचार

:दीर्घ सूचना आधीं कळे| सावधपणें तर्क प्रबळे |
जाणजाणोनि निवळे| येथायोग्य ||६||

He gets info from his intellegence ....then he thinks over it....comes to a conclusion carefully....and takes info from more people and then only takes action, to settle it...in right manner
 शुक्रवार रोजी 10-41 am वाजता पाठवला

आपणाकरितां शाहाणे होती| ते सहजचि सोये धरिती |
जाणतेपणाची महंती| ऐसी असे ||१७||
He teaches people many things....thus indirectly he becomes their mentor and they start following him...so being an officer who is learned, thus helps...

राखों जाणें नीतिन्याय| न करी न करवी अन्याये |
कठीण प्रसंगीं उपाये| करूं जाणे ||१८||
ऐसा पुरुष धारणेचा| तोचि आधार बहुतांचा |
दास म्हणे रघुनाथाचा| गुण घ्यावा ||१९||
here the word dharana is imp...dharana means wearing...bearing, whatever you have learnt till date....nusate pustaki dnyan nako...ase...

मुख्य हरिकथा निरूपण| दुसरें तें राजकरण |
तिसरें तें सावधपण| सर्वविषईं ||४||
चौथा अत्यंत साक्षप| फेडावे नाना आक्षप |
अन्याये थोर अथवा अल्प| क्ष्मा करीत जावे ||५||
जाणावें पराचें अंतर| उदासीनता निरंतर |
नीतिन्यायासि अंतर| पडोंच नेदावें ||६||
संकेतें लोक वेधावा| येकूनयेक बोधावा |
प्रपंचहि सावरावा| येथानशक्त्या ||७||
प्रपंचसमयो वोळखावा| धीर बहुत असावा |
संमंध पडों नेदावा| अति परी तयाचा ||८||
उपाधीसी विस्तारावें| उपाधींत न संपडावें |
नीचत्व पहिलेंच घ्यावें| आणि मूर्खपण ||९||
दोष देखोन झांकावे| अवगुण अखंड न बोलावे |
दुर्जन सांपडोन सोडावे| परोपकार करूनी ||१०||
upaadhi=Post

अपार असावें पाठांतर| सन्निधचि असावा विचार |
सदा सर्वदा तत्पर| परोपकारासी ||१५||
शांती करून करवावी| तऱ्हे सांडून सांडवावी |
क्रिया करून करवावी| बहुतांकरवीं ||१६||
करणें असेल अपाये| तरी बोलोन दाखऊं नये |
परस्परेंचि प्रत्यये| प्रचितीस आणावा ||१७||
जो बहुतांचे सोसीन| त्यास बहुतेक लोक मिळेना |
बहुत सोसितां उरेना| महत्व आपुलें ||१८||
राजकारण बहुत करावें| परंतु कळोंच नेदावें |
परपीडेवरी नसावें| अंतःकरण ||१९||
लोक पारखून सांडावे| राजकारणें अभिमान झाडावे |
पुन्हा मेळऊन घ्यावें| दुरील दोरे ||२०||
हिरवटासी दुरी धरावें| कचरटासी न बोलावें |
समंध पडता सोडून जावें| येकीकडे ||२१||
ऐसें असो राजकारण| सांगतां तें असाधारण |
सुचित अस्तां अंतःकरण| राजकारण जाणे ||२२||
read each n every ovi...selected detoy wachayla...
far imp ahet sarwa
for an officer or manager...
पाहातां तरी सांपडेना| कीर्ति करूं तरी राहेना |
आलें वैभव अभिळासीना| कांहीं केल्यां ||२४||
येकांची पाठी राखणें| येकांस देखो न सकणें |
ऐसीं नव्हेत कीं लक्षणें| चातुर्याचीं ||२५||
कर्म केलेंचि करावें| ध्यान धरिलेंचि धरावें |
विवरलेंचि विवरावें| पुन्हा निरूपण ||१||

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